युनेस्को (UNESCO) ने राजस्थान के जयपुर शहर सहित 2019 में अब तक 27 हैरिटेज साइटों को अपनी वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट (World Heritage List) में शामिल कर लिया है। जयपुर भारत का दूसरा ऐसा शहर है जिसे जीवंत शहर के रूप में इस लिस्ट में स्थान मिला है। इससे पहले गुजरात की राजधानी अहमदाबाद भी 2017 में इस लिस्ट में शामिल हो चुकी है। अजरबेजान की राजधानी बाकू में हुई वर्ल्ड हैरिटेज पैनल की मीटिंग में विश्वभर से प्राप्त अनेक नॉमिनेशन पर चर्चा हुई। युनेस्को 1978 से अब तक कुल 1119 साइटों को वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट में शामिल कर चुका है।
जयपुर शहर क्यों? Why Jaipur city?
जयपुर के परकोटे के भीतर का शहर (Walled City ) अपने आप में कई खूबियां समेटे हुए है। इस शहर की नींव 1727 में सवाई जयसिंह द्वितीय ने रखी थी। सुप्रसिद्ध वास्तुकार विद्याधर ने जयपुर शहर के स्थापत्य की परिकल्पना की थी। वैदिक स्थापत्य (Architecture) के अनुसार जयपुर की बसावट ग्रिड प्लान में की गयी। बृह्माण्ड के नौ ग्रहों के आधार पर जयपुर में नौ चौकड़ियों की स्थापना की गयी हैं। शहर में तीन चौपड़ों के अलावा 7 दरवाजे भी बनाये गए जिनका नामकरण ग्रहों के नाम पर किया गया है। परकोटे का जयपुर अपनी चौड़ी सड़कों के लिए प्रसिद्ध है। इसके बाज़ारों में रियासतकालीन बरामदे हैं। खरीदारी करने वालों को धूप और बारिश बचाने के लिए इन बरामदों का निर्माण कराया गया है।
World Heritage Day- Its Significance
भारत की हेरिटेज साइटें World Heritage Sites of india
अब तक भारत की कुल 38 साइटें युनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट (World Heritage List ) में अपना स्थान बना चुकी हैं। इनमें 30 कल्चरल, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित साइटें हैं। आगरा का किला और ताजमहल के अलावा अजंता और एलोरा की गुफाओं को 1983 में इस लिस्ट में स्थान मिल गया था। प्राकृतिक स्थानों में सर्वप्रथम केवलादेव नेशनल पार्क, काजीरंगा नेशनल पार्क और मानस वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी का नाम 1985 में वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में सम्मिलित किया गया। इस साल 2019 में भारत की ओर से जयपुर शहर पहला स्थान है जो इस सूची में शामिल हुआ है।
चयन के मापदंड Selection Criteria
वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने के लिए साइटों का श्रेष्ठ यूनिवर्सल महत्त्व का होना चाहिए और चयन के 10 मापदंडों में से कम से कम एक को पूरा करना आवश्यक है। ये मापदंड रचनात्मक प्रतिभा, सांस्कृतिक परंपरा, मानव इतिहास के महत्वपूर्ण चरण, मानवीय मूल्यों का आदान-प्रदान, मानव जाति की परम्पराओं , प्राकृतिक सौंदर्य, पृथ्वी का इतिहास, पारिस्थितिक और जैविक प्रक्रियाएं, संरक्षण विज्ञान आदि का अप्रतिम प्रतिनिधित्व करने से सम्बंधित हैं। केवल उन देशों के अपने क्षेत्र की संपत्तियों के लिए नॉमिनेशन प्रस्तावों को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है जिन्होंने विश्व विरासत कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए हैं अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने का वचन दे चुके हैं।
Intangible Cultural Heritage List
खतरे में विश्व विरासत World heritage in danger
सशस्त्र संघर्ष. युद्ध, भूकंप, अन्य प्राकृतिक आपदाएं, प्रदूषण, अवैध शिकार, अनियंत्रित शहरीकरण और अनियंत्रित पर्यटन विकास विश्व धरोहर स्थलों के लिए खतरें खड़े करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्थितियों के बारे में बताने के लिए “खतरे में विश्व विरासत” की सूची भी तैयार की जाती है ताकि सुधारात्मक कार्रवाई को बढ़ावा दिया जा सके। अभी तक ऐसी लिस्ट में 53 स्थानों को शामिल किया जा चुका है। संतोष की बात है कि भारत की कोई भी हेरिटेज साईट अभी इस सूची में नहीं है।