GST 4 Slab Rate Structure: Simplified

Sandarbha Desk
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GST 4 Slab Rate Structure

The GST council has agreed on a 4- tiered rate structure to tax various goods. Here is a simplified version of what the latest meeting of the council has decided.

  • There will be four slabs of tax rates- 5%, 12%, 18% and 28%. This means that the GST will be taxed at varying rates ranging from 0% to 28%.
  • The principle for determining the GST rate on each item will be to levy and collect the tax at the rate slab closest to the current tax incidence on it.

0%

  • Essential items like food grains. This will be done to keep inflation under check.
  • 50% of the goods in the CPI basket.

5%

  • On items of mass common consumption.
  • For example-spices, tea and mustard oil.

12% & 18%

  • This along with the 18% rate will be the standard rate and will be applicable on bulk of goods & services.
  • For example, fast-moving consumer goods.
  • Items used by the middle class like soaps, toothpaste which are currently taxed at more than 27% will be brought down to the 18% slab.

28%

  • It will be applicable on white goods. White goods are large household equipment.
  • It will also be applicable on all those goods which are currently taxed at a rate of 30-31%(excise duty plus VAT).

28% + Cess

  • Ultra luxuries, demerit and sin goods. For example, luxury cars, tobacco and aerated drinks.
  • The additional cess will be levied for a period of 5 years.
  • The cess will be levied in a manner so that the final tax rates on these demerit goods is not less than the existing rates.

Compensation to States

  • The central government has given a constitutional guarantee to the states to compensate them for a period of five years.
  • The additional cess on top of the 28% GST rate on ultra luxury, demerit and sin goods will fund the compensation from centre to the states. The compensation will be given to those states which incur losses in tax revenue as a result of a transition to the GST regime.
  • The cess will not be collected after the expiry of the five-year term.
  • A part of the compensation will also be funded by the Clean Environment Cess.
  • Rest of the multiple cesses like the Swachh Bharat Cess, the Krishi Kalyan Cess and the Education Cess have been subsumed by the GST.
  • Around Rs. 50,000 crore would be needed for compensation to states.
  • Any surplus money left from the cess pool at the end of the five-year period will be shared between the centre and the states.

GST on Services

  • A similar tax structure for services is also being considered .
  • Most of the services will be taxed at 18% and a few essential services at 12% and 5%.
  • It is expected that most services will become costlier since most of the services which are at present taxed at 15% will most probably be put in the 18% slab.

Gold

  • No call has yet been taken on the GST rate of gold.

जीएसटी 4 स्लैब दर संरचना

जीएसटी परिषद विभिन्न वस्तुओं पर कर लगाने के लिए 4 त्रिस्तरीय दर संरचना पर सहमत हो गया है। परिषद की बैठक में नवीनतम लिए गए निर्णय का यह एक सरल संस्करण है।

  • टैक्स दरों के चार स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% होंगे। जिसका मतलब यह है कि जीएसटी कर 0% से लेकर 28% तक अलग-अलग दरों पर लगाया जाएगा।
  • जीएसटी की दर का निर्धारण प्रत्येक मद में लेवी और जमा करने के लिए मौजूदा कर के दर के निकटतम स्लैब में किया जाएगा।

0%

  • आवश्यक वस्तुओं जैसे- खाद्यान, मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के तहत किया जाएगा,
  • 50% वस्तु जो CPI(Consumer Price Index) के तहत आते है।

5%

  • बड़े पैमाने पर आम उपभोग की वस्तुओं पर, उदाहरण स्वरूप-मसाले, चाय और सरसों के तेल के लिए।

12% & 18%

  • 18% की दर के साथ-साथ यह मानक दर होगी जो माल और सेवाओं के थोक में होने पर लागू होगा
  • उदाहरण के लिए-तेज़ी से उपभोग होने वाले उपभोक्ता वस्तु
  • मध्यम वर्ग द्वारा इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं-साबुन , टूथपेस्ट,जो वर्तमान में 27% से अधिक हैं उन्हें 18% स्लैब तक नीचे लाया जाएगा।

28%

  • यह सफेद वस्तुओं पर लागू होगा। सफेद वस्तुओं का अर्थ बड़े घरेलू उपकरण से हैं।
  • उन सभी वस्तुओं पर भी जिसपर वर्तमान में 30-31%की दर से कर लगाया जाता है (उत्पाद शुल्क+ वैट)  पर लागू होगा।

28% + उपकर

  • विलासिता और बुरी वस्तु जैसे – लक्जरी कार, शराब और तंबाकू पदार्थ पर 5 साल की अवधि के लिए अतिरिक्त उपकर लगाया जाएगा।
  • इन अवगुण वस्तुओं पर उपकर एक ऐसे तरीके से लगाया जाएगा जो कर की मौजूदा दरों से कम न हो।

राज्यों को मुआवजा

  • पांच साल की अवधि के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को एक संवैधानिक गारंटी दी है।
  • अल्ट्रा लक्जरी, अवगुण वाले और आपराधिक वस्तुओं पर शीर्ष 28% जीएसटी दर के अतिरिक्त उपकर केंद्र से राज्यों को मुआवजा निधि को जाएगा यह मुआवजा उन राज्यों को दिया जायेगा जो राजस्व कर में जीएसटी लागू होने के अवधि में घाटा उठाएंगे।
  • यह उपकर पांच साल के कार्यकाल की समाप्ति के बाद एकत्र नहीं किया जाएगा।
  • मुआवजे का एक हिस्सा स्वच्छ पर्यावरण उपकर द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
  • स्वच्छ भारत उपकर, कृषि कल्याण उपकर और शिक्षा उपकर की तरह कई बाकी के उपकर जीएसटी में सम्मिलित किया गया है।
  • राज्यों को मुआवजे के लिए 50,000 करोड़ रुपये के आसपास की जरूरत होगी।
  • पांच साल की अवधि के अंत में उपकर से बचा हुआ कोई अधिशेष धन केंद्र और राज्यों के बीच साझा किया जाएगा।

 

सेवाओ पर जीएसटी

  • सेवाओं के लिए एकसमान कर संरचना पर भी विचार किया जा रहा है।
  • अधिकांश सेवाओं पर 18% और कुछ आवश्यक सेवाओं पर 12% और 5% की दर से लगाया जाएगा।
  • यह उम्मीद है कि ज्यादातर सेवाएं महंगी हो जाएगा वे सेवाये जो वर्तमान में सबसे ज्यादा है, जिनकी दर 15% है उनको शायद 18% स्लैब में डाल दिया जाएगा।

सोना

  • सोने की जीएसटी दर पर अभी तक कोई निर्णय नही लिया गया है।
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