DISHA/दिशा क्या है?
- भविष्य में मरीजों का रिकॉर्ड और बीमारियों का डाटा डिजिटल तरीके से रखा जाएगा जिसकी सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सरकार राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य प्राधिकरण बनाने की दिशा में कार्यरत है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी जिसमें डिजिटल रूप से स्वास्थ्य के नियमन, विकास के लिए और स्वास्थ्य संबंधी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के स्टोरेज और आदान-प्रदान के लिहाज से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनडीएचए) की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया।
- यह प्राधिकरण ई-स्वास्थ्य के मानदंडों का पालन करेगा। इसी संदर्भ में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में डिजिटल सूचना सुरक्षा अधिनियम’ (DISHA/दिशा) का मसौदा पिछले दिनों अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है और इस संबंध में लोगों से सुझाव मांगे गये हैं।
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लाभ
- डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म के होने से स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ी जानकारी, ब्लड बैंकों की उपलब्धता, अस्पतालों में पंजीकरण या डॉक्टर से मिलने का समय, सेवाओं के लिए भुगतान और सुझाव आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन करके उन्नत और प्रभावी सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है।
- इससे रोगी की बीमारी और उससे संबंधित स्वास्थ्य जांच का रिकार्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होने से दोहराव या बार-बार जांच करने से भी निजात मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के अनुसार, ”राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य प्राधिकरण” डिजिटल सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए रूपरेखा, नियम और दिशानिर्देश बनाने की दिशा में काम करेगी।
- उन्होंने कहा था कि इससे दिव्यांग रोगियों, अवरुद्ध विकास वाले बच्चों और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों तथा एचआईवी-एड्स, कुष्ठ रोग और टीबी से ग्रस्त लोगों को उपचार में मदद मिलेगी। इससे चिकित्सकीय त्रुटियां कम होने में और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
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डिजिटल इंफॉर्मेशन इन हेल्थकेयर सिक्योरिटी एक्ट (DISHA/दिशा) के प्रावधान
- इसका उल्लंघन करने पर पांच साल की जेल की सजा और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- डिजिटल इंफॉर्मेशन इन हेल्थकेयर सिक्योरिटी एक्ट (DISHA/दिशा) में कहा गया है कि किसी भी तरह के हेल्थ डाटा उस व्यक्ति की निजी संपत्ति है।
- इसमें फिजिकल, साइकोलॉजिकल और मेंटल हेल्थ कंडीशन, सेक्सुअल ओरिएंटेशन, मेडिकल रिकॉर्ड और हिस्ट्री व बायोमीट्रिक इंफॉर्मेशन शामिल है।
- अधिनियम में एक हेल्थ इंफॉर्मेशन एक्सचेंज, एक स्टेट इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ अथॉरिटी और एक नेशनल इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ अथॉरिटी की परिकल्पना की गई है।
- दस सदस्यीय नेशनल इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ अथॉरिटी ऑफ इंडिया को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन के लिए लंबे समय तक तैयार किया गया है।
- यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसमें 10.74 करोड़ परिवारों को सालाना पांच लाख रुपए तक के वार्षिक चिकित्सा खर्च को शामिल किया गया है।
- डाटा के मालिकों को अपने डिजिटल स्वास्थ्य डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा का अधिकार है। इस तरह के डाटा के उत्पादन और संग्रह के लिए सहमति देने या मना करने का अधिकार भी उसे ही है।