Smallest Prime Number – सबसे छोटा प्राइम नंबर

Sandarbha Desk
Sandarbha Desk

Smallest Prime Number या सबसे छोटा प्राइम नंबर कौन सा है यह जानने से पहले हम यह समझते हैं कि प्राइम नंबर कहते किसे हैं. प्राइम नंबर का अर्थ ऐसी संख्या से है जो 1 से बड़ी हो और जो स्वयं के अलावा किसी और संख्या से भाज्य ( divisible ) न हो. यानि कि जिसमे उसी संख्या के अलावा किसी अन्य संख्या का भाग नहीं जाता हो. इन्हें अभाज्य संख्याएँ भी कहते हैं, यह संख्या पूर्णांक होनी चाहिए. इस संख्या के सिर्फ दो ही फैक्टर हो सकते हैंपहला 1 और दूसरा वह संख्या स्वयं. आइये उदहारण से समझते हैं। प्राइम नंबर के उदहारण हैं – 2, 3, 5, 7, 11, 13 आदि. इस उदहारण से आपको स्पष्ट हो गया हो गया होगा कि Smallest Prime Number या सबसे छोटा प्राइम नंबर है 2.

Role of States in Higher Education

प्राइम नंबर्स के गुण

संख्या 2 के दो फैक्टर होते हैं– 1 और 2. पहला 1 और दूसरा स्वयं 2. इसी प्रकार दूसरा प्राइम नंबर है 3. इसके दो फैक्टर हैं 1 और 3. तीसरा प्राइम नंबर 5 है. इसके फैक्टर 1 और 5 होंगे. इनमे 1, 3, 5 ऐसी संख्याएँ है जिनमे स्वयं उस संख्या के अलावा किसी अन्य पूर्ण संख्या का भाग नहीं दिया जा सकता. 1 और 100 अंकों के बीच 25 प्राइम नंबर आते हैं. ये हैं

2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, 29, 31, 37, 41, 43, 47, 53, 59, 61, 67, 71, 73, 79, 83, 89 और 97.

Mathematics Syllabus : Indian Forest Service

युग्म अभाज्य संख्याएँ ( Twin Prime Numbers )

Prime numbers का भी और वर्गीकरण किया जा सकता है. इनमें एक होती हैं युग्म अभाज्य संख्याएँ या Twin Primary numbers. जब लगातार आने वाले दो प्राइम नंबर्स में 2 का अंतर होता है तो ऐसे प्राइम नंबर्स को ट्विन प्राइम नंबर्स कहते हैं. जैसे 3,5; 5,7; 17,19; 29,31 इत्यादि. दुसरे होते हैंको प्राइम नंबर्स. Co- Prime Numbersया सह अभाज्य संख्या वे होती हैं जिनमें दो संख्याओं में 1 के अलावा कोई कॉमन फैक्टर नहीं होता.

विभिन्न प्रकार कि संख्याएँ ( other types of Numbers)

Prime Numbers के अलावा एक संख्या होती हैकम्पोजिट या संयुक्त संख्या. इसे भाज्य संख्या भी कहते हैं. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इन संख्याओं को दो या अधिक धनात्मक (Positive) इन्टीगर में बाँटा जा सकता है. जैसे 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15…ये संख्याएँ १ व स्वयं के अलावा दो संख्याओं से भाज्य होती हैं. संख्याओं का वर्गीकरण उनकी प्रकृति के अनुसार प्राकृतिक (Natural Numbers), पूर्ण संख्या (Whole Numbers), भिन्नांक (Fractional numbers) और दशमलव (Decimal Numbers) में भी किया जा सकता है. 1, 2, 3, 4… प्राकृतिक संख्या हैं. इनके शुरू में शून्य जुड़ने (0, 1, 2, 3, 4..) से ये पूर्ण संख्याएँ हो जाती हैं. दशमलव संख्याओं के उदहारण हैं1.30, 2.3 आदि. इसी प्रकार भिन्न संख्या 1/7, 2/3 आदि होती हैं.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *